
वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत, कंपनी को मिली 2041 तक 87,695 करोड़ भुगतान की मोहलत
सरकार का कहना है कि टेलीकॉम सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और डिजिटल इंडिया के लिए बहुत अहम है. उपभोक्ताओं के हित में इस सेक्टर में एक से ज्यादा कंपनियों का बने रहना जरूरी है.
वित्तीय संकट से जूझ रही देश की तीसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (VIL) को बड़ी राहत मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने कंपनी के AGR बकाया को 31 दिसंबर 2025 तक फ्रीज करने का फैसला किया है. इस बकाया राशि का भुगतान अब 2031-32 से 2040-41 के बीच किया जाएगा.
सरकार का कहना है कि टेलीकॉम सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और डिजिटल इंडिया के लिए बहुत अहम है. उपभोक्ताओं के हित में इस सेक्टर में एक से ज्यादा कंपनियों का बने रहना जरूरी है. इसलिए वोडाफोन आइडिया का टिके रहना जरूरी माना गया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर और नवंबर 2025 में अपने फैसलों में कहा था कि AGR बकाया पर दोबारा विचार किया जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह सरकार की नीति से जुड़ा मामला है और अगर सरकार चाहे तो इसमें बदलाव कर सकती है. इन फैसलों के बाद वोडाफोन आइडिया ने सरकार से राहत की मांग की थी.
87,695 करोड़ रुपये पर AGR बकाया फ्रीज
कैबिनेट ने वोडाफोन आइडिया का AGR बकाया 87,695 करोड़ रुपये पर फ्रीज कर दिया है. कंपनी को यह राशि अब लंबी अवधि में किस्तों में चुकानी होगी.
AGR बकाया की दोबारा जांच होगी
31 दिसंबर 2025 तक के AGR बकाया की दूरसंचार विभाग (DoT) दोबारा जांच करेगा. यह जांच तय नियमों और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर होगी. इसके लिए सरकार एक समिति बनाएगी और उसका फैसला कंपनी और सरकार दोनों को मानना होगा.
पुराने बकाये में कोई बदलाव नहीं
वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 से जुड़े AGR बकाया, जो पहले ही सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा. इनका भुगतान कंपनी को 2025-26 से 2030-31 के बीच करना होगा.
उपभोक्ताओं और सरकार को फायदा
सरकार का कहना है कि इस फैसले से सरकार की 49% हिस्सेदारी सुरक्षित रहेगी. AGR और स्पेक्ट्रम शुल्क की वसूली सही तरीके से होगी. साथ में टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी. और 20 करोड़ वोडाफोन आइडिया ग्राहकों को सेवाएं मिलती रहेंगी.

